प्रेम सच में या फिर सोच में .....?





                    सोच में जो मिला वो प्रेम था, या फिर सच में जो मिला वो प्रेम था !!
जिसके लिए तडपा वो प्रेम था, या फिर तड़प के बाद जो मिला वो प्रेम था !!


 जो हारने की बजह थे वो प्रेम था, या फिर जिसने जिताया वो प्रेम था !!
जिसने नीदों को उडाया वो प्रेम था, या फिर जो सपनो में आया प्रेम था !!

  यादोँ में जो घर बनाया वो प्रेम था, या फिर जिससे घर बसाया वो प्रेम था !!
जिनका हाँथ हांथो में थामा वो प्रेम था, या फिर जिनपे जीवन वारा वो प्रेम था !!

जिसने जीना सिखाया वो प्रेम था, या फिर जीने का मकसद बताया वो प्रेम था !!
जो कोशिस के बाद मिला वो प्रेम था, या फिर जो किस्मत से मिला वो प्रेम था !!

जिनको समझना असान रहा वो प्रेम था, या फिर बिना समझे हुआ था वो प्रेम था !!
          सोच में जो मिला वो प्रेम था, या फिर सच में जो मिला वो प्रेम था !!