ठेके खुलने की ख़ुशी





ठेके खुलने की ख़ुशी

शराब की दुकान में लगी भीड़ चीख चीख कर बताती है की कोरोना का सफल इलाज़ सिर्फ और सिर्फ शराब ही है | क्युकी 10-20 लोगो की मति ख़राब हो सकती है पर मेले वाली भीड़ यदि इकठ्ठा हो रही है तो ये मान लेना ज्यादा उचित है की शराब ही है जो कोरोना जैसी बिमारी का डर भी जहन से निकाल फेकने में सक्षम है | हलाकि सरकार, खाना मुहैया करा रही थी पर शराब के लिए इतनी देरी कर के अपने पैर में सरकार खुद कुल्हाड़ी मार रही थी क्युकी खाना भर से कुछ नही होने वाला है , कुछ लोगो को कहना है की यदि कोरोना गले में जा के बैठता है तो क्यों न गले को सेनेटायिज़ कर लिया जाए क्युकी इलाज़ के नाम पे तो सिर्फ और सिर्फ सेनेटायीज़र ही सब बता रहे है | इस तरह के बयानों और सलाहों के बाद कुछ लोगो ने सेनेटायीज़र को भी पी कर कुछ दिन काम चलाये है ऐसा ज्ञात हुआ है क्युकी उसमे भी 70 परसेंट तक सोमरस पाया जाता है | हलाकि अब शराब की दुकाने खुल गयी है अब कोरोना का इलाज भी मिल ही जायेगा और बताने वाले तो ये भी बता रहे थे की सरकार को काफी कर प्राप्त होता है शराब के ठेके से | समाचार वालो ने तो आदमियों के साथ साथ औरतो को भी आर्थिक सहायता सरकार की करते हुए दिखाए थे |  शोसल डिस्टेंस भी शराबियो के लिए एक समस्या बनी हुई है हलाकि सरकार तक निवेदन पंहुचा दिया गया है की शोशल डिस्टेंस सिर्फ अस्पताल और सब्जीमंडी तक सीमित रहे तो ज्यादा सही है क्युकी ठेके में इस तरह की ज्यादती बर्दास्त के बाहर है और इस तरह की समस्या को सहन करने की शक्ति अब देश की जनता में नही बची है क्युकी एक तो इतने दिनों बाद ठेके खुले है और ऊपर से ये चोचलेबाजी | शराबी भाई और न्यूज़ वालों के हिसाब से बहने अब आप पूरी तरह से स्वतंत्र है कोरोने के खिलाफ लड़ रहे जंग के जबाजो को हराने के लिए क्युकी शराब जैसे चीजों में डिस्टेंस या छुआछूत जैसी कोई बात ही नही होती | जहांतक मेरा मानना हो तो शराब एकता का प्रतीक है क्युकी शराब पीने के बाद सबमे एकता दिखने लगती है और अपनापन तो अन्दर से बाहर तक आके जोर शोर से अपनी मौजूदगी प्रदर्शित करता है | कुछ लोग शराब के ठेके खुलने का विरोध भी कर रहे है परन्तु आज इनसे बदला लेने का समय नही है क्युकी देश आज कोरोना से लड़ रहा है हम सब मिल के इन्हें चुनाव के समय देख लेंगे अगर देखने लायक बचे तो | ठेके खुलने से जो लोगो में उत्साह है भगवन करे वो बना रहे पर भगवन कैसे करेंगे उनकी मंदिर तो बंद है | आप चाहे तो इसे सकारात्मक सिरे से भी ले सकते है अब हफ्ते के हर दिन आप बराबर पी सकते है मतलब न मंगलवार न गुरुवार का झमेला | क्युकी मंदिर तो बंद है तो भगवन की तरफ से कोई बंदिश इस लॉकडाउन में नहीं है | इस मुश्किल की घडी में आप सरकार का साथ और हाँथ दोनों मत छोड़ियेगा, लगातार शराब का नियमित सेवन कर के आप सिद्ध कर दीजिये की हम भी सरकार और देश के प्रति इमानदार है क्युकी शराब की कीमत का इजाफा सीधे सरकार और देश के हित में जायेगा और हम कोरोना से मुक्त हो जायेंगे |











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