।। अधूरी कहानी प्रेम की ।।



भीनी भीनी यादो में इक राज़ दिलो में गहरा है, 
निश्छल मन मे संजोया रूहों का इक चेहरा है। 
योग्य निशानी दिल मे है कमी उन्ही का सेहरा है,
पाया खोया रोया धोया अब यादो का पहरा है।। 

शुरू हुई जब प्रेम कहानी तब की बात सुनानी है, 
मधुर स्वरों से तीखे दिल की अपनी बात बतानी है। 
दोनो पक्षों का मत मिलकर बनती ये कहानी है, 
अभी हुई थी दिल की बाते अब ये बात मिटानी है।।
 
प्रेम जटिलता में आया पर कहा वो पूरा होता है,
रूहो से तो बिलग न हो पर दर्द दिलो के ढोता है। 
बाधाओं से घिरा प्रेम ये हर दिन बैठ के रोता है, 
मानो नयनों के नीरो में हर दिन खाता गोता है।।

कहा सुनी तो पल में होती अपनी यही कहानी है,
सच्चाई थी रूहो में पर उनकी समझ सुहानी है। 
आँखों के भी इन आंशू को हमने कहा रूहानी है, 
परपंचो के दुनिया मे भी सच्ची यही कहानी है।। 

मन विचार में दूरी का यदि ज़िक्र कही भी आता है, 
भारी आँखों मे दर्द लिए तनहा सा हो जाता है। 
प्रेम दिलो को जोड़े है पर संग उन्ही का भाता है,
पाकर संग स्वमं दिल देखो मधुर स्वरों में गाता है।। 

बिलख रहा ये मन भी देखो प्रायः उन्हें बुलाता है, 
धोखा देके आंखों को नियमित उन्हें रुलाता है। 
नेक दिलो का हश्र यही मन नयनों को सुलाता है, 
मायूसी सा जीवन जी कर दर्दे गम भुलाता है।।
 
भीनी भीनी यादो में इक राज़ दिलो में गहरा है, 
निश्छल मन मे संजोया रूहों का इक चेहरा है। 
योग्य निशानी दिल मे है कमी उन्ही का सेहरा है,
पाया खोया रोया धोया अब यादो का पहरा है।।




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