।। ऐलाने-ए-इश्क़ ।।



मैंने जाना मैंने समझा मैंने ही ये माना है, 
बिना तुम्हारे नही जियेगा दिल ने अब ये ठाना है।। 

हुआ नही ये प्यार सफल तो मुश्किल ऐसा जीना है, 
पल पल घुटना पल पल मरना जहर जुदाई पीना है। 
चाह नही है धन और दौलत बस तुमको ही माना है, 
बिना तुम्हारे नही जियेगा दिल ने अब ये ठाना है।। 

 मान लो मेरे मन की बाते दिल मे यही कहानी है, 
मानो या न मानो तुम पर सच मे यही दीवानी है। 
दिन तुम्हारे रह पाना अब मुश्किल हमने जाना है, 
बिना तुम्हारे नही जियेगा दिल ने अब ये ठाना है।। 

 उम्र भले ही कम हो अपनी लेकिन समझ पुरानी है, 
तुम भी समझो हम भी समझे बातें यही सुहानी है। 
हमको तुमको मिलकर संग में गीत दिलो का गाना है, 
बिना तुम्हारे नही जियेगा दिल ने अब ये ठाना है।।






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